Preview of Lucknow Super Giants – लखनऊ सुपर जायंट्स का प्रीव्यू
लखनऊ सुपर जायंट्स की करनी है चर्चा, कि किस प्रकार की टीम नजर आ रही है क्योंकि इन्होंने तो सारे बदल दिए घर के। एंडी फ्लावर और गौतम गंभीर चले गये है उनकी जगहपर जस्टिन लैंगर और लांस क्लूसनर आ गए है, यहां पे सीईओ भी बदले जा चुके हैं। लखनऊ सुपर जायंट्स दो साल खेले हैं, दोनों साल क्वालीफाई किए हैं “प्ले ऑफस” लिए। यह साल कैसा रह सकता है?
इस बार लखनऊ सुपर जायंट्स एक नए कोचिंग स्टाफ के साथ यहां पर खेलने का, इन्होंने मन बनाया है, जिसमें जस्टिन लैंगर, ऑस्ट्रेलियन कोच और उनके साथ लांस क्लूजनर, साउथ अफ्रीकन कोच है। यहां पे श्रीधन श्रीराम भी होंगे। यह बहुत अच्छा कोचिंग स्टाफ। क्योंकि जो टीम है जो टीम को चलाने वाले हैं, वो सभी अच्छे लोग है, यह लोग बड़ी मेहनत
और बड़े शिद्दत से टीम बनाते हैं। उनके ऊपर पूरी चर्चा करने वाले है, यहां पे इन्होंने देवदत्त पद्दीकल को ले लिया है, ग्रेट एस्टन टर्नर यहां पे आ गए हैं, यहां पे शमार जोसेफ आ गए हैं उसकी भी बात करेंगे।
History of Lucknow Super Giants – लखनऊ सुपर जायंट्स का इतिहास
अब जरा लखनऊ की बात करते हैं, लखनऊ से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं? लखनऊ की एक चीज जो थी इनके पक्ष में नहीं जा रही थी, पिछले साल के मुकाबले जो चीज़, इस साल बदल गई है, वो है इकाना का मैदान। अब इकाना के मैदान पे जो पिच थी, वो दो रंग की पिच हुआ करती थी। यहां पिच रंग बदल जाया करती थी, काली मिट्टी की पिच एकदम टर्नर, सुपर टर्नर होती थी, सिर्फ 120 रनों का मैच होता था। फिर एक लाल मिट्टी की पिच थी, उसपे थोड़ा सा बेहतर मैच होता था, साइड बाउंड्रीज बहुत बड़ी है यहां, प्रॉपर बड़े साइज का ग्राउंड है, तो यहां चक्के आसानी से नहीं लगते हैं। जो काली मिट्टी वाली जो पिच थी, वो इनके ओवरसीज प्लेयर्स को कतई नहीं पसंद आती थी, कैसे पसंद आती? ना काइल मायर्स को, ना क्विंटन डीकॉक को, ना मार्कस टोनिस को, ये लप्पे मारने वाले बल्लेबाज है और यह लप्पे मारने लायक पिच नहीं थी। पर अब पिच बदल गई है, वर्ल्ड कप में हमने देखा है कि पिच बदली हुई थी।
वर्ल्ड कप में भारत ने बड़ा एक ट्रिकी रन चेज यहां पे किया था, जिसमें डेविड विलली ने भारत को थोड़ा तंग किया था, और डेविड मिली भी इस टीम का हिस्सा बन चुके हैं।
Analysis of Lucknow Super Giants – लखनऊ सुपर जायंट्स का विश्लेषण
लखनऊ ने कुछ बदलाव किये है। ये तीन-चार सवाल सामने आए है, क्या लखनऊ सुपर जायंट्स ट्रॉफी उठा लेंगे? लगता है नही उठा पाएंगे? क्या केएल राहुल हाईएस्ट रन स्कोरर होंगे? केएल राहुल चोट से वापिस आ रहे हैं, नहीं लग रहा है? क्या रवि बिश्नोई हाईएस्ट विकेट टेकर होंगे? वो भी नहीं लग रहा है?
Strength of Lucknow Super Giants – लखनऊ सुपर जायंट्स की ताकत
अब जरा स्ट्रेंथ की बात करते हैं, स्ट्रेंथ का क्या है इस टीम के पास? बहुत विकल्प है ऑलराउंडर के इनके पास, इनके पास पास ओवरसीज बेंच बहुत बहुत तगड़ा है, ओवरसीज विकल्प में इनके पास एस्टन टर्नर, मार्कस सटोनिस, काइल मायेर्स, डेविड विली, क्विंटन डीकॉक, निकोलास पूरण है, निकोलास पूरण ने बहुत मारा था पिछली बार, शमार जोसेफ, नवीन उल हक भी है।
मतलब काफी सारे विकल्प है इनके पास और इसमें काफी सारे ऑल राउंडर्स हैं, अगर आप मार्कस स्टोइनिस को देख लीजिए, आप काइल मायेर्स को देख लीजिए, क्विंटन डिकॉक एक विकेट कीपर बल्लेबाज है, उसके बाद आप के निकोलास पूरण है, वह भी विकेट कीपर बल्लेबाज है, मतलब इनके पास खिलाने के लिए बहुत से ऑप्शंस है। एस्टन टर्नर भी ऑलराउंडर है, वो नए कोच जस्टिन लैंगर की पसंद है, इसलिए इस टीम का हिस्सा है। शमार जोसेफ वो मार्क वुड की जगह यहां आ चुके हैं।
बैटिंग के अंदर भी भारतीय बल्लेबाजी और उसमें केएल राहुल यहां पर उपलब्ध है। इसके साथ यहां देवदत्त पार्टिकल भी है, पर सवाल ये जरूर होगा कि उनको बैटिंग कहां कराए? अगर वो ओपन करते है तों उनके साथ में काइल मायर/क्विंटन डीकॉक को ओपन करा सकते है, क्योंकि क्विंटन डीकॉक ऐसा खिलाड़ी लगता है कि, अगर इस खिलाड़ी को 14 मैच खिलाए तो 14 मैच में से कम से कम पांच पारियां तो ऐसा खेलेगा जिसके अंदर आपको मैच जिता के जा सकता है। वो मैच चेंजिंग-गेम चेंजिंग पारियां जो है, वो क्विंटन डीकॉक खेल सकते हैं। वो पहले ओवरसीज प्लेयर होंगे, दूसरे होंगे निकलस पूरन, तीसरे होंगे मार्कस सटोनिस और एक शमार जोसेफ/नवीन उल हक में से कोई हो सकता है।
उसके भारतीय बल्लेबाजों मैं दीपक हुडा, देवदत पाडीकल, केएल राहुल और कुणाल पंड्या के रूप ऑलराउंडर है, दीपक हुडा भी ऑलराउंडर है। यह टीम ऑलराउंडरस से भरी हुई टीम है, यह इस टीम की ताकत हमें नजर आती है।
स्पिन के अंदर इनके पास विकल्प है, अमित मिश्रा, रवि बिश्नोई और कुणाल पांड्या है, आठ ओवर की स्पिन तो ठीक-ठाक हो जाएगी। अमित मिश्रा को ये हर बार इंपैक्ट प्लेयर के रूप में यूज़ कर लेते थे।
फास्ट बॉलिंग में इनके पास डेथ बलिंग की थोड़ी समस्या हुआ करती थी। इस बार पेस बॉलिंग का अच्छा यूनिट है, इनके पास मोहसिन खान, यश ठाकुर और मयंक यादव है, ओवरसीज बॉलर मैं नवीनउल हक और एंड शमार जोसेफ है। इस बार कि टीम अच्छी लग रही है।
Weakness of Lucknow Super Giants – लखनऊ सुपर जायंट्स की कमजोरी
इंडियन बैटर्स में दीपक हुडा का फॉर्म पिछली बार डगमगा गया था, तो प्रेरक मांकड़, दीपक हुड्डा, कुणाल पंड्या का बैटिंग फॉर्म और आयुष बदोनी ऊपर बेटिंग कराना या ना कराना, वहां थोड़ा फंसे हुए नजर आए थे, क्योंकि जैसे ही केएल राहुल इंजर्ड हुए तो अचानक भारतीय बल्लेबाजी मैं अनुभव कि कमी नज़र आने लगी थी, इनके बेटिंग डिपार्टमेंट कोई बड़ा इंडियन बैटर था ही नहीं और अभी कोई बड़ा इंडियन बैटर नाम नहीं है।
केएल राहुल के अलावा सिर्फ देवदत्त पड़ींकल है, पर उनका पिछला आईपीएल सीज़न अच्छा नही रहा था क्योंकि वो लोअर बेटिंग आर्डर मैं बल्लेबाजी कर रहे थे। उनका बेटिंग आर्डर पक्का होना चाहिए और एक से तीन के बीच होना चाहिए।
इस बार दोनों लेफ्टी ओपन से करेंगे या फिर लेफ्टी-राइटी (राहुल एंड देवदत्त पड़ींकल)। केएल राहुल शायद बेटिंग आर्डर मैं नीचे बल्लेबाजी करे, क्योंकि T20 वर्ल्ड कप कोऑर्डिनेशन भी देना है, उनके अलावा कुणाल पंड्या भी बैटिंग में कमजोर थे, दीपक हुडा का फॉर्म नहीं था, तो पिछली बार थोड़ा सा ज्यादा ओवर डिपेंडेंस हो गये थे ओवरसीज बल्लेबाजो के ऊपर, तो इस बार उम्मीद यही होगी कि केएल राहुल फिट हो, दीपक हुड्डा का फॉर्म अच्छा हो और देवदत्त पड़ींकल भी अच्छा करे।
इनके पास फिनिशर में तो इंडियन फिनिशर कोई नहीं है। आयुष बदोनी वो, यह काम नहीं कर सकते हैं, निकोलस पूरण, मार्कस स्टोइनिस जरूर करते हैं, पर वो ओवरसीज ऑप्शंस है। दीपक हुड्डा को भी थोड़ी ऊपर बैटिंग करानी पड़ेगी, तो ऊपर टॉप मैं तो काफी हैवी बेटिंग है, पर नीचे इंडियन फिनिशर उपलब्ध नहीं है।
भारतीय तेज गेंदबाजों में भी अनुभव कि कमी है, जैसा आपने बल्लेबाजी मैं इंडियन फिनिशर्स मै देखा था, वैसा ही आप इंडियन बॉलर्स मैं देख सकते हैं, हालांकि यश ठाकुर बहुत अच्छे है, मोहसीन खान इंजरी से वापिस आ रहे है, मयंक यादव को शायद हम पहली बार खेलते हुए देखेंगे तो इंडियन बॉलर्स मैं अनुभव की कमी है।
अगर आप देखे इस टीम के ओवरसीज प्लेयर्स काफी अनुभव वाले है पर इंडियन प्लेयर्स मैं अनुभव की कमी लगती है, कुछ को छोड़कर, हालांकि रवि बिश्नोई काफी मेच्योर्ड हो गये है, अमित मिश्रा को भी काफी अनुभव है, कुणाल पंडया का अच्छा प्रदर्शन उनके लिए और टीम के लिए बहुत महतवपूर्ण होगा, क्योंकि वो एक ऐसे बॉलर रहते कि अगर पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी है तों वो अपने चार ओवर लगातार इकोनॉमिकल या विकेट के साथ नहीं डाल पाते हैं।
Opportunity For Lucknow Super Giants – लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए मौका
सब से पहले हम बात करते है केएल राहुल की, क्योंकि अगर आप भारतीय टीम को देखें, T20 वर्ल्ड कप की टीम को देखें, तो उसमें पहले यशस्वी, रोहित, कोहली, सूर्य कुमार यादव है। इन चारों बल्लेबाजों से पहले तो बैटिंग आनी नहीं है, हो सकता है कि उन्होंने पहले भी कहा कि मैं नीचे बैटिंग करने के लिए तैयार हूं। क्योंकि हमें लगता है जिसको भी विकेटकीपिंग के लिए ऑडिशन देना है, उसको अपनी फ्रेंचाइजर लिए नीचे बैटिंग करनी चाहिए। ये आईपीएल शायद बताएगा कि आप तीन नंबर पे आए, कभी चार नंबर पे आ गए और अंत तक बल्लेबाजी करते हुए टीम को मैच जीताते है। तो राहुल के लिए बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है और रवि बिश्नोई के लिए एक और अपॉर्चुनिटी है क्योंकि इनके साथ मुकाबले के लिए जड्डू भी है, अक्षर भी हैं और कुलदीप भी है। अब चारों स्पिनर तो शायद ना जा पाए ना वर्ल्ड कप में, क्या पता? हां तो रवि बिश्नोई के लिए भी बहुत बढ़िया अपॉर्चुनिटी है। यश ठाकुर अभी तक अच्छा किया है, मोहसीन खान के लिए भी शानदार मोका है।
Strategy For Lucknow Super Giants – लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए रणनीति
स्ट्रेटेजी क्या रहेगी इस टीम की? अग्रेसिव ब्रांड ऑफ क्रिकेट खेलने के लिए इनके पास में इनके पास निकोलास पूरण, मार्कस सटोनिस, क्विंटन डीकॉक साथ में केएल राहुल, देवदत्त पड़ींकल, कुणाल पंड्या जैसे खिलाडी है, जो मैच विनर भी है।
गेंदबाजी मैं अमित मिश्रा और रवि बिश्नोई के रूप मैं दोनों स्पिनर विकेट टेकर है। फास्ट बॉलिंग के अंदर नवीन उल हक हो या फिर शमार जोसेफ हो, दो में से किसी एक को आप खिलाते हैं, यह भी अग्रेसिव ऑप्शंस तो हो सकती है।
स्पिन बोलिंग में थोड़ा सा हो सकता है, यह टीम थोड़ी रिस्ट्रिक्टिव हो पर बैटिंग के अन्दर तों पूरी आग है इनके पास, क्योंकि इतने सारे ऑलराउंडर हैं, इतनी लंबी डेप्थ है इनके पास, आप देखिये आयुष बदोनी कई बार नंबर आठ पर आते है। आपको क्या लगता है कि क्या करेगी लखनऊ सुपर जायंस? क्या वो अच्छा करगें?
आज के लिए इतना ही है, आप को, अपना कीमती समय देने लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।