Chennai Super Kings Preview – चेन्नई सुपर किंग्स का प्रीव्यू
आप को याद जब रविंद्र जाडेजा ने पिछले आईपीएल के फाइनल मैं आखिरी गेंद पर शॉट लगाया था, उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी के लिए जो प्यार का सैलाब उमड़ा था, पूरे देश को येलो फीवर हो गया था। सभी कह रहे थे यह महेंद्र सिंह धोनी का लास्ट चांस है, पर इस बार भी वह चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान हैं।
महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर कोशिश करेंगे कि अपनी टीम के आईपीएल टाइटल को सक्सेसफुली डिफेंड कर पाएं, क्या वो कर पायगें? यह टीम ऐसा एक बार पहले कर चुकी है, क्या दूसरी बार ऐसा कर पाएंगे?
क्या इस बार डेविन कनवे की अनुपस्थिति खलने वाली है? पथिराना अगर नहीं खेल पाते है? तो उनकी रिप्लेसमेंट क्या होगी? कौन करेगा ओपन? मिडिल ऑर्डर में समीर रिजवी का रोल क्या हो सकता है?
History of Chennai Super Kings – चेन्नई सुपर किंग्स का इतिहास
आईपीएल का टूर्नामेंट पहले आठ टीमों का होता था, जिसके अंदर सात टीम आपस में भिड़ी हैं, चेन्नई सुपर किंग से फाइनल में खेलने के लिए। अब कुल टीमें 10 हो गई पर कहानी में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं आया है, क्योंकि 12 बार इन्होने “प्ले ऑफ” के लिए क्वालीफाई किया है, कुल 14 सीजन मैं। अब आप सोच सकते हैं कि 14 ही सीजन हुए हैं, दो सीजन ये बाहर रहे थे, उसमें से 12 बार ये क्वालीफाई कर गए, 10 बार तो ये फाइनल खेले हैं, उनमें से पांच बार टाइटल जीते हैं। क्या कंसिस्टेंसी लेवल है इस टीम का, 14 सीज़न में से 12 बार क्वालीफाई करते हैं “प्ले ऑफ” के लिए 10 फाइनल तक पहुंच जाते हैं और उसमें से पांच ट्रॉफी उठा भी लेते हैं।
The Captain Cool – कैप्टन कूल
महेंद्र सिंह धोनी हर बार रिटेन हुए हैं, अगर आप किसी भी ऑक्शन को देखें, उसमें सब से पहले यह हमेशा महेंद्र सिंह धोनी को रिटेन करते हैं। आईपीएल के इतिहास मैं बहुत कम ही ऐसी फ्रेंचाइजर रही है, जिनके इतने कम कप्तान रहे हो। सिर्फ तीन ही कप्तान हुए हैं, इसमें महेंद्र सिंह धोनी सबसे ज्यादा कप्तानी की है, बाकी जो दो कप्तान रहे वो “स्टैंड इन कैप्टन” रहे थे। एक सीजन में जरूर रविन्द्र जडेजा से शुरुआत कराई गई, पर मिड सीजन में चेंज करना पड़ा। उसके अलावा इन्होंने कप्तानी में कोई बदलाव नही किया नहीं है, सुरेश रैना और रविंद्र जाडेजा को कुछ समय के लिए इन्होंने कप्तानी दी थी। महेंद्र सिंह धोनी ने 235 मुकाबलों में, छह मुकाबलों में सुरेश रैना और आठ मुकाबलों में रविन्द्र जडेजा ने की है। कोच के रूप मैं जितना लम्बा टेन्योर स्टीवन फ्लेमिंग का रहा है, उनता लम्बा किसी और कोच का नही रहा है। इस टीम की और से सबसे ज्यादा रन (4687) सुरेश रैना ने बनाये है, सब से ज्यादा विकेट डी जे ब्रावो (140 विकेट) ने लिए है।
Franchise – The Family (फ्रेंचाइजी – एक परिवार)
यह फ्रेंचाइजी अपने आप मैं एक संस्था है, जिसके लिए आप हमेशा खेलना चाहते हैं, क्योंकि अभी तक कोई भी चेन्नई सुपर किंग्स का ऐसा खिलाड़ी सामने नहीं आया है जिसने ये कहा हो कि, “मुझे मजा नहीं आया” या फिर ये कहे की “इस फ्रेंचाइजी मैं दोबारा खेलने का मन नही है”। यह फ्रेंचाइजी एक परिवार की तरह है और एक बड़ी कोहेसिव यूनिट बनाती हैं। यह फ्रेंचाइजी महेंद्र सिंह धोनी को पूरी तरह से इस टीम की कमान थमा देती हैं। एक आदमी पुरे खेल का नियंत्रण रखता है, शायद इसी वजह है यह टीम इतनी सफल रही रही है। अगर आप भी सफल होना चाहते तों चेन्नई सुपर किंग की टीम में जाइए क्योंकि इनके इतिहास में बहुत बार ऐसा भी हुआ है कि खिलाड़ी जो कई जगहों पे असफल रहे, वो यहां आकर सफल हो गए है, पिछले साल भी हमने देखा है, हर चुनोती का सामना करते हुए यह ट्रॉफी उठा जाते हैं। अब इस साल भी क्या उम्मीद जाए?
Current Playing Eleven of Chennai Super Kings – चेन्नई सुपर किंग्स की मौजूदा प्लेइंग इलेवन
डेविन कन्वेय भी कुछ समय के लिए बाहर हैं, वो वापस आ जाएंगे। मतीश पतिराना की इंजरी के ऊपर अभी भी कोई क्लेरिटी नहीं है, कि कितने मैचेस मिस करेंगे? या फिर मिस नहीं करेंगे?
Few Questions – कुछ सवाल
हमारे और आप के जहन में कुछ सवाल हैं? पहला सवाल यही है, क्या ये चेन्नई इस साल टूर्नामेंट जीत जाएगी? शायद नहीं जीत पाएगी? यह टीम एक बार ऐसा कर चुकी हैं, यह सक्सेसफुली अपने टाइटल को डिफेंड कर चुके है एक बार? क्या दूसरी बार कर पाएंगे?
दूसरा सवाल क्या ऋतुराज गायकवाड को ऑरेंज कैप मिलेगी? शायद नहीं मिलेगी?
तीसरा सवाल है कि रचिन रविंद्र जो है, वो 450 से ऊपर रंस बनाएंगे? वो बनाने के चांसेस इनके ब्राइट हैं, प्रोवाइडेड ये आईपीएल की शुरुआत करें, मतलब पहले ही मैच में खेलते हुए नजर आए।
Strength of Chennai Super Kings – चेन्नई सुपर किंग्स की ताकत
स्ट्रेंथ अब इस टीम के स्ट्रेंथ क्या है? सबसे बड़ी जो स्ट्रेंथ है उसका उस खिलाड़ी का नाम है “महेंद्र सिंह धोनी” क्योंकि ये जो कप्तान है, ये टीम को चलाना जानता है, ये वो है जिसके पास “मिडास टच” है, जिसको हाथ लगाते हैं वो सोना बन जाती है, ये लोगों को फ्रीडम प्रदान करते हैं। आपने इनकी कप्तानी में बेस्ट ऑफ शिवम दुबे, द बेस्ट ऑफ अजिंक्य रहाणे देखा है, बहुत से और भी उदाहरण है इस तरह के।
एक बार फिर सीजन की शुरुआत ये करेंगे और महेंद्र सिंह धोनी एक बड़े स्ट्रांग फैक्टर के रूप में हमारे सामने है, क्योंकि टी-20 क्रिकेट में कप्तान का रोल जो है, बहुत बड़ा होता है और इससे बड़ा कप्तान आपको आसानी से नहीं मिलेगा, सो चेन्नई सुपर किंग्स की एक बहुत बड़ी ताकत महेंद्र सिंह धोनी है।
दूसरी इस टीम की जो ताकत हमें नजर आती है, वो है इनका सॉलिड बैटिंग ऑर्डर। अगर आप देखें ऋतुराज गायकवाड़ है, जो शुरुआत में कंसिस्टेंटली रन्स बना रहे हैं। उसके बाद है डेविड कन्वेय, इन दोनों ने वन ऑफ द मोस्ट सक्सेसफुल ओपनिंग साझेदारआं की है। अगर डेविड कन्वेय नही है तो डैरेल मिचल भी हो सकते हैं, रचिन रविंद्र भी हो सकते हैं और अजिंक्य रहाणे भी हो सकते हैं। इन तीन में से आप किस दो खिलाड़ियों को खेलते हुए देखेंगे। जिसमें से रहाणे कंफर्म होंगे बाकी दूसरे या तो रचिन हो सकते हैं या फिर डैरेल मिचल हो सकते हैं। अगर इस टीम का मन करे कि हमने मोइन अली को नहीं खिलाना है, इन दोनों को खिलाना है, तो वो दोनों भी हो सकते हैं, बहुत ऑप्शंस है इस टीम के पास।
उसके बाद आपको शिवम दुबे बाद में नजर आएंगे फिर आपको रविंद्र जडेजा नजर आएंगे फिर आपको महेंद्र सिंह धोनी नजर आएंगे, इस टीम के अंदर बैटिंग में गहराई तो है। यह अच्छी टीम है, और टीम में गहराई है और महेंद्र सिंह धोनी जिस तरीके की बैटिंग उन्होंने पिछले साल की उन्होंने यह बता दिया कि यार अगर मैं 150 की स्पीड पे स्लो नहीं हो रहा मेरे रिएक्शंस अगर कमजोर नहीं हो रहे तो में बल्लेबाज के तोर पर अपना योगदर दे रहा हूँ।
यह टीम अच्छी बैटिंग, अच्छी कप्तानी और बड़े ऑलराउंडर से भरी हुई टीम है। इस टीम के पास ऑलराउंडर की भरमार होती है, दीपक चाहर भी ऑलमोस्ट लाइक प्रॉपर बैटर है, मतलब अगर आप उनको नीचे बैटिंग कराएं, दीपक चहार तक इनके पास बैटिंग रहती है। शार्दुल ठाकुर का एडिशन है, वो बैटिंग ठीक-ठाक कर लेते हैं, रचिन रविंद्र ऑलराउंडर है, मोहिन अली ऑलराउंडर है, इनके पास रविंद्र जाडेजा ऑलराउंडर है, एमएस धोनी ऑलराउंडर है, मतलब बैटिंग के अंदर इनक्रेडिबल अमाउंट ऑफ डेप्थ है इस टीम के पास, सिर्फ एक-दो श्रीलंकन खिलाडी है, मतीश पतिराना एंड महेश तीक्ष्णा जो बैटिंग नहीं करते पर उसके अलावा जितने ये खिलाड़ी खेलते हैं नंबर नौ तक, इनके पास बैटिंग होती है।
Weakness of Chennai Super Kings – चेन्नई सुपर किंग्स की कमजोरी
इनकी वीकनेस है? वीकनेस कि क्या हो सकती है? बैटिंग हमने अच्छी देख ली है, फास्ट बॉलिंग भी ठीक लग रही है, फास्ट बॉलिंग ठीक है! दीपक चाहर हैं, तुषार देशपांडे हैं, शार्दुल ठाकुर हैं, उसके बाद मुकेश चौधरी इस बार फिट हैं, सिमरजीत सिंह है, और फिर आपके पास मतीश पथिराना है, आपके पास मुस्तफिजुर रहमान है, मतलब बहुत सारे फास्ट बॉलिंग के विकल्प ऑलरेडी मौजूद हैं। इनके पास तो ऐसी कोई परेशानी नहीं है, स्पिन डिपार्टमेंट में थोड़ी दिक्कत लगती है, जब हम इनके स्पिन डिपार्टमेंट को देखते है, तो वहां लगता है कि थोड़ी दिक्कत है, महेश तीक्षण ही इज अ वेरी डिसेंट बॉलर, इनका बहुत अच्छे से इस्तेमाल एमएस धोनी कर लेते हैं, ठीक बॉलर है। उसके बाद रविंद्र जाडेजा है, वो भी सबसे “बेस्ट ऑफ जाडेजा, कम्स इन टेस्ट क्रिकेट” उसके बाद एकदिवसीय क्रिकेट और सबसे नीचे सूची में उनके टी-20 क्रिकेट की बॉलिंग को, पर धोनी ऑफकोर्स कप्तान, इनसे बेस्ट निकलवा लेते हैं पर रविंद्र जाडेजा के रूप में एक प्रॉपर स्पिनर इनके पास रहता है। फिर यह मिचल सैंटनर को खिलाएं या ना खिलाएं यह वाली एक समस्या रहती है, मोहिन अली से पिछले साल अंत में बॉलिंग ही नहीं कराई, आखिरी के चार पांच मैचेस में तो स्पिन डिपार्टमेंट में रविंद्र जाडेजा के बाद कोई इंडियन बॉलर प्रशांत सोलंकी हैं, लेकिन उनको खिलाते नहीं है, तो कोई भी इंडियन स्पिन ऑप्शन अवेलेबल नहीं है। ओवरसीज कंटिजेंट के ऊपर थोड़ा ज्यादा दबाव रहता है कि स्पिन बॉलिंग भी वो ज्यादा करें, यह इस टीम के लिए अच्छी बात नही है।
Opportunity For Chennai Super Kings – चेन्नई सुपर किंग्स के लिए मौका
अपॉर्चुनिटी क्या है? अपॉर्चुनिटी तो एक बार फिर है इस पूरी टीम के लिए,कि महेंद्र सिंह धोनी को एक बार फेयरवेल दे दो? क्योंकि अब पता नहीं, ना देखो जब भी एमएस खेलेंगे, ऐसा लगता है कि आखिरी साल है, हालांकि वो आ जाते हैं अगले साल खेल जाते हैं और मेरी लास्ट टाइम दीपक चाहर ने कहा था कि यार वो खेललेगें, ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। हमे भी लग रहा है कि और खेलेंगे, ऐसा उनको लगा था, ऑफकोर्स अजिंक्य रहाने के रन नहीं बने हैं, तो उनके लिए बड़ी अपॉर्चुनिटी है। शिवम दुबे के लिए बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है, क्योंकि उनका वर्ल्ड कप में नाम आ सकता है। ऋतुराज गायकवाड इंजरी के चलते थोड़ी सी अपनी जगह गवा बैठे पर उनके लिए भी तो वर्ल्ड कप की अपॉर्चुनिटी है। दीपक चाहर भी थोडा इंजर्ड रहे है, इस से पहले उपलब्ध नहीं थे, क्योंकि उनके पापा की तबीयत खराब थी, अब उनके लिए भी बड़ी अपॉर्चुनिटी है।
शार्दुल ठाकुर की बात करते है, कहां 10-12 करोड़ और कहां 4 करोड़, उनके लिए आप एकदम से फॉल फ्रॉम ग्रेस कह सकते हैं, “इन टर्म्स ऑफ द मनी” वो वापस उनके पास अब खींचने का मौका है, वो कह सकते है “आई एम स्टिल एज गुड” मैं उतने ही पैसे डिजर्व करता हूं, और ये परफॉर्मेंस जो वो बता सकती है, क्योंकि रणजी ट्रॉफी में अच्छा करके आ रहे हैं।
सीजन शायद इस तरीके से भी देखा जाएगा कि कौन हो सकता है, चेन्नई का अगला कप्तान, ऋतुराज गायकवाड़ या रविंद्र जाडेजा। इन सब के लिए बड़ी अपॉर्चुनिटी है कि “इफ
यू वांट टू बी द नेक्स्ट लीडर” तो फिर इस वाले सीजन में अच्छा प्रदर्शन करना होगा, “वो मैच्योरिटी के साथ खेलना होगा”।
Strategy For Chennai Super Kings – चेन्नई सुपर किंग्स के लिए रणनीति
स्ट्रेटेजी क्या होगी इस टीम की? देखिए पहली बात यह की यह टीम पिच के अनुसार चलती हैं, हर टीम को चलना चाहिए पर इनका तो वैसे भी उस अंदाज में चलते हैं। जब आप चेन्नई के ड्रेसिंग रूम से बाहर की तरफ निकलते हैं, एक पिच राइट पे, एक लेफ्ट पे है। जब वो राइट वाली पिच पे जाते हैं, तो राइट वाली पिच पे वहां बॉल ज्यादा टर्न होता है, लेफ्ट वाली पिच पे गेंद जो है बड़ी अच्छी बैट पे आती है पाटा रहती है। जब उनका मन करता है कि सामने वाली टीम के पास अच्छी स्पिन नहीं है, चलो इस राईट की तरफ चलते हैं। अगर सामने वाली टीम के पास अच्छी स्पिन है तो फिर उनका मन करता है आज हम बैटिंग की तरफ चलते हैं, क्योंकि शुरुआत में ना बल्ले से रन बनने चाहिए तो फिर वो दूसरी तरफ चले जाते हैं। इनके पास हर ऑप्शंस है और उन ऑप्शंस का बड़े अच्छे से इस्तेमाल करते हैं।
Their Second Strategy – इनकी दूसरी स्ट्रेटेजी
दूसरी इनकी स्ट्रेटेजी ये है कि ये ये ध्यान-ध्यान से चल के काम करने वाली टीम है, एक जगह बिल्ड करते हैं, क्योंकि धोनी का टेंप्लेट ही क्रिकेट का ये है, “टेक द गेम डीप” गेम को अंत तक लेकर जाइए और उसके बाद आप गेम को क्लोज कीजिए अच्छे से फिनिश कीजिए। फिनिशिंग इस टीम के लिए बहुत इंपॉर्टेंट रहती है, क्योंकि “दे ऑलवेज बिल्ड टुवर्ड्स दैट फिनिश”, आप पिछला फाइनल भी उठा के देखेंगे तो यही है “टू बिल्ड टुवर्ड्स दैट फिनिश” तो उस तरीके की क्रिकेट ये खेलते हैं। अगर बल्ले के साथ देखें, खिलाड़ियों को बड़े अच्छे से इस्तेमाल किया पिछले साल, वही करेंगे इस बार भी, शिवम दुबे को कभी ऊपर, कभी अजिंक्या के नीचे, डेरेल मिचल को ऊपर कभी हो सकता है, एमएस धोनी खुद इस बार ऊपर ऊपर बैटिंग करने आ जाए?
गेंदबाजी में अगर देखें तो दीपक चाहर से नई गेंद के दो या तीन ओवर, नई गेंद से विकेट चटकाना, उसके बाद गेम को कंट्रोल करके रखना और एंड में वहां पर मतीश पथिराना और महेश तीक्षण को अनलीश कर देना। अगर शुरू में मतीश पथिराना नहीं होंगे तो मुस्तफिजुर रहमान आपको खेलते हुए दिख सकते हैं। फर्स्ट सिक्स ओवर्स दीपक चाहर “इज द विकेट टेकर” लास्ट फाइव सिक्स ओवर्स फिर वो देखना शुरू करते हैं मतीश पथिराना और महेश तीक्षण या फिर मुस्तफिजुर रहमान को। मुस्तफिजुर रहमान के अभी तक आईएल के आंकड़े बहुत अच्छे नहीं रहे हैं, पर हो सकता है अभी चेन्नई आ गए तो पता चले कि इनके आंकड़े भी बहुत कमाल के हो जाए, यह एक संभावना है।
सीएसके लिए यह सीज़न इंटरेस्टिंग होगा, किस तरीके से अपना टाइटल डिफेंड कर पाते हैं! या अपने टाइटल को डिफेंड कर नही पाते हैं? किस तरीके से शुरुआत करते हैं?
आज के लिए इतना ही है, आप को, अपना कीमती समय देने लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।