Preview of Gujarat Titans – गुजरात टाइटंस का प्रीव्यू
गुजरात टाइटंस का क्या होगा इस साल? ये टाइटनिक अभी तक तो सेल करता हुआ आया है, पहले साल खेले और ट्राफी जीत गए। दूसरे साल खेले फाइनल तक पहुंच गए, पर इस बार हार्दिक पंड्या नहीं है, मोहम्मद शामी भी नहीं है। एक नए कप्तान शुबमन गिल की अगुवाई में क्या करेगी ये टीम? क्या गुजरात टाइटंस ट्रोफी उठा सकती है?
मोहम्मद शामी नहीं है? प्रसिद्ध कृष्णा नहीं है, प्रसिद्ध कृष्णा पिछले साल भी नहीं थे, इस साल भी नहीं है। मोहम्मद शामी की इंजरी के ऊपर वैसे भी सवाल थे? इस वजह से उमेश यादव को टीम में शामिल कर लिया गया था।
History of Gujarat Titans – गुजरात टाइटंस का इतिहास
थोड़ी सी गुजरात टाइटंस के हिस्ट्री को देख लेते हैं। सीबीसी कैपिटल्स ने ये टीम खरीदी थी। जब खरीदी गई थी तो, थोड़े से सवाल या निशान भी थे? टीम मैनेजमेंट ने आशीष नेहरो को कोच बनाया, हार्दिक पंडया को कप्तान बनाया गया, शुभमन गिल और राशिद खान को ड्राफ्ट में पिक किया गया और विक्रम सोलंकी इस टीम के डायरेक्टर बने।
गुजरात टाइटंस की टीम जब पहला साल खेलती हैं, पहले साल ट्राफी जीतते हैं, पेपर पे टीम कमजोर लग रही थी पर जब मैदान पे उतरी क्या कमाल खेली! “वेल डन गुजरात टाइटंस”।
जब दूसरा साल आता है, तो सब ये कहते हैं, हो सकता है दूसरा साल ठीक ना हो पर बहुत सारे क्लोज मुकाबले बहुत आसानी से जीत गए थे। हर बार वो क्लोज मुकाबले आप नहीं जीतेंगे? तो इस वजह से शायद दूसरा सीजन उतना स्वर्णम ना हो! स्वर्णम था, बिल्कुल था, कक्योंकि फाइनल तक पहुंचे और फाइनल हार गए। जिसके अंदर काफी चर्चा थी, काफी गुफ्तगू थी, कि वो उतने ओवर का मैच नहीं होना चाहिए था। बारिश बहुत ज्यादा थी, चेन्नई सुपर किंग्स जीतती जरूर है, पर गुजरात टाइटंस सब के दिलों में अपनी छाप छोडती है, मतलब आप एक नई फ्रेंचाइज शुरू करते हैं, और उसके अंदर आप अपनी टीम को इतना अच्छा बना देते हैं, जोकि ऑन पेपर आपको दूर से देख के लगता है शायद अच्छा नहीं करेगी पर वो कर जाती है, और उसकी प्रमुख वजह जो रहती है, वो कि खिलाड़ी जो थे, वो सुपर स्टार्स नहीं लिए थे, उन्होंने सुपर स्टार्स बनाए। विजय शंकर अच्छा करते हैं, रिधिमान साह अच्छा करते हैं, राहुल तेवटिया बहुत शानदार रहते है, मोहम्मद शामी, शुभमन गिल बहुत अच्छा खेल दिखते है, नीचे डेविड मिलर से काम करा लिया, जो कहीं नहीं चल रहे थे वो इनके पास आके चल जाते हैं।
यह टीम इंजरी से भी परेशान होती हैं, जूझती हैं और खिलाड़ियों को गवा देती हैं, पर ये कहा इस टीम की गाड़ी नहीं रुकती है। इन्होंने अपनी टीम में स्पेंसर जॉनसन, रॉबिन मिंस, शाहरुख खान को अपनी टीम में शामिल किया है। इन्होंने टीम को ताकतवर बनाने कोशिश की है, क्योंकि अब अगर हार्दिक नहीं है, तो मिडिल ऑर्डर में कौन बैटिंग करेगा? किसकी जगह बन सकती है।
Analysis of Gujarat Titans – गुजरात टाइटंस का विश्लेषण
इस टूर्नामेंट को लेके सवाल है? क्या गुजरात जीत जाएगी? लगता है इस बार तो नहीं जीत पाएगी? शुभमन गिल क्या ऑरेंज कैप ले जायगे? मलतब सब से ज्यादा रन्स बनायेगें? शायद नही बनायेगें इस बार। राशिद खान हाईएस्ट विकेट टेकर बन जाएंगे? राशिद खान अभी इंजरी से वापस आ रहे हैं, शायद नही ले पाएंगे इस बार।
Strength of Gujarat Titans – गुजरात टाइटंस की ताकत
इस टीम के अंदर आप देखोगे, तो जो खेल में काफी सारे कैटेगरी होती है, उनको अच्छे तरीके से ध्यान में रखा गया है। यह टीम सुपरस्टार्स बनाने वाली टीम है, इसमें आशीष नेहरा ने कुछ तो किया है, कि शुभमन गिल का बेस्ट वर्जन यहां पे आया, रिद्धिमान का बेस्ट वर्जन यहां पे आया, विजय शंकर जो सबने डिस्कार्ड कर रखा था, उसका बेस्ट वर्जन यहां पे आया। राहुल तेवटिया और साईं सुदर्शन का बेस्ट वर्जन यहां पे आता है। अभिनव मनोहर अच्छा भी कर जाते हैं।
गेंदबाजों में मोहम्मद शमी के बारे में लोग सोच नहीं रहे थे, कि ये अच्छा करेंगे, वो भी अच्छा करते हैं। एक के बाद, एक सारे अच्छा करते हैं, फिर चाहे वो राशिद खान हो, नूर अहमद हो, जोशुआ लिटल हो, स्पेंसर जॉनसन हो, द फैक्ट इज डेविड मिलर, केन विलियमसन, मैथ्यू वेड ये ऐसी टीम है जिसके अंदर वो पांचों उंगलियां मिला के जो मुट्ठी बनाती है और इस वजह से यह टीम इतना अच्छा कर पाई है। देखिए कई बार क्या होता है, सुपरस्टार्स से भरी हुई टीम जो होती है, कई बार वो मुंह की खा जाती है, उसकी कई वजह हो सकती है, उस में पर्सनल इगोस भी हो सकती हैं, उसमें थोड़ा डिवीजन भी हो जाता है, क्योंकि बहुत अच्छे खिलाड़ी होते हैं, लोग उनकी तरफ देखते हैं, तो उनके ऊपर ज्यादा निर्भरता होती है और दूसरे वो खिलाडी जो ज्यादा बड़े खिलाडी नही होते वो ज्यादा, उतना इंपॉर्टेंट फील नहीं करते है और वो उतना ज्यादा कंट्रीब्यूट नही कर पाते है। लेकिन गुजरात टाइटंस का हर बंदा अपना काम कर रहा है, एक-एक कड़ी को जोड़ते हैं और अच्छे से वो बहुत खूबसूरत सी माला बना देते हैं।
Weakness of Gujarat Titans – गुजरात टाइटंस की कमजोरी
वीकनेस क्या हो सकती है इस टीम की? वैसे अगर हम बैटिंग के अंदर देखें तो, बैटिंग बहुत बड़ी है, जिसमें शुभमन गिल के साथ रिद्धिमान साहा ओपन कर सकते हैं, उसके बाद केन विलियमसन है, फिर साई सुदर्शन है, उसके बाद बाद विजय शंकर, अभिनव मनोहर, डेविड मिलर, शाहरुख खान, रॉबिन मिंस का एक विकल्प है, उसके बाद मैथ्यू वेड भी है, तों बेटिंग में बहुत डेप्थ है।
बॉलिंग के अंदर भी जब हम देखते है तो डेप्थ नजर आती है, यहाँ पर उमेश यादव है, मोहित शर्मा, दर्शननाल कंडे, कार्तिक त्यागी, स्पेंसर जॉनसनऔर जोशुआ लिटल है फास्ट बॉलिंग के अन्दर, फ़ास्ट बॉलिंग भी ठीक ही नजर आ रही है, तों इनकी बॉलिंग भी ठीक है, बैटिंग भी ठीक है, जब हम स्पिनर्स देखते हैं तो वहां पर राशिद खान, नूर अहमद, साई किशोर और जयंत यादव नजर आते हैं।
जो वीकनेस लग रही है, वो यह कि गुजरात की टीम चार ओवरसीज प्ल्येर्स कौन से खिला पाएंगे? यह बड़ा सवाल हो सकता है? किस तरीके से टीम का बैलेंस बनाएंगे? क्योंकि हार्दिक द बैटर के जाने से, ये बात सच है कि हार्दिक द बैटर चले गए हैं, अब बॉलर तो चलो ठीक है, वो आप कवर कर जाएंगे, पर एक मिडिल ऑर्डर बैटर गया है, तो आप उसका इस्तेमाल किस प्रकार से करेंगे। अब साई सुदर्शन के ऊपर थोड़ा ज्यादा दबाव डालेंगे, कि क्या आप केन विलियमसन को खिलाएंगे? पर अगर केन विलियमसन को खिलाते हैं तो, नंबर एक, दो, तीन और चार में साई सुदर्शन नंबर तीन पर सबसे बेस्ट रहेंगे, केन विलियमसन भी नंबर तीन पर बेस्ट रहेंगे! तो फिर वो एक शायद मिडिल ऑर्डर में एक होल हो सकता है जिसको भरना होगा, अभी उन्होंने विजय शंकर से काम करवाया, अभिनव मनोहर से कराया, क्या शाहरुख खान उस होल को भर पाएंगे? उसके बाद फिनिशर के रूप में उनके पास डेविड मिलर है। गुजरात की टीम ज्यादा भारतीय स्पिनर्स को नहीं खिला पाते है, साई किशोर अच्छी गेंदबाजी करते हैं, जयंत यादव इज ओके, साई किशोर बिट ऑफ विकेट टेकर क्या दोनों ओवरसीज स्पिनर्स को खिला पाएंगे? इनका मन तो बहुत होगा लेकिन अब क्योंकि शामी नहीं है, तो शायद एक टेंप्टेशन भी होगी कि जोशुआ लिटल/स्पेंसर जॉनसन में से किसी एक को तो खिला लेते है! एक राशिद खान को खिलाते है, उनके साथ एक इंडियन स्पिनर को खिला के काम चलाते है, पर इंडियन स्पिन का कंटिजेंट उतना स्ट्रांग नहीं है जितना होना चाहिए था! जैसे कि हमने ऊपर चर्चा कि है कि यह टीम वैसी है जैसे पांचों उंगलियां मिल के मुट्ठी बनती है तो फिर सबका ठीक फॉर्म में होना जरूरी होता है क्योंकि एक अगर एक कड़ी कमजोर है, मान लीजिए दो खिलाड़ी हैं, वो अच्छी फॉर्म में नहीं है, वो अपना बेस्ट नहीं दे पा रहे, फिर इस टीम के लिए दिक्कत हो सकती है, यह एक कमजोरी है, बहुत बड़ी नही पर कमजोरी तो है।
Opportunity For Gujarat Titans – गुजरात टाइटंस के लिए मौका अपॉर्चुनिटी
अपॉर्चुनिटी शुभमन गिल एक रॉकस्टार प्लेयर है, उनके के लिए यह एक नया चैलेंज होगा, एक नई चुनौती होगी, वो बतौर कप्तान खेल रहे हैं, अब आप घर के के छोटे नहीं, घर के बड़े बन चुके हैं। अब शुभमन गिल किस तरीके से कप्तानी करेगा? शुभमन बैटिंग अच्छी करता है, हम सबने देख लिया है। आप उनको कप्तान इसलिए बनाते हैं क्योंकि वो आप के मोस्ट इंपोर्टेंट प्लेयर है। पर क्या शुभमन गिल कप्तानी उतनी अच्छी कर सकते हैं? गुजरात टाइटंस की कप्तानी के जो तार है, वो आशीष नेहरा से जुड़े हुए हैं? इन दोनों के बीच में ट्यूनिंग बहुत अच्छी है! तो फिर तो ये टीम को आगे जाएंगे और वही शुभमन गिल के लिए कैप्टन के रूप खुद को साबित करने का बहुत बड़ा मोका मिला है।
उसके बाद है उमेश यादव। उमेश यादव को एकदम ऑलमोस्ट सब ने डिस्कार्ड करके रखा हुआ था, कोई खिला नहीं रहा था, इस टीम के पास आते हैं, अंडरलाइट से यहां बॉल मूव करती है और नई गेंद से ना वो दो-तीन विकेट चटकाने वाला गेंदबाज है और आशीष नेहरा के अंडर नेहरा ये अच्छा भी करेंगे।
मोहित शर्मा डेथ ओवरस संभालेंगे, उमेश यादव को नई गेंद थमा दी जाएगी। अब उनके साथ कौन क्या करेगा? क्या दर्शन नालकंडे होंगे? या कार्तिक त्यागी होंगे! क्योंकि पहले दो-तीन ओवर हार्दिक पंड्या भी डाला करते थे, अब वो मुंबई इंडियनस के पास चले गए है। हम उनको मिस तो जरुर करेगें पर यह अपॉर्चुनिटी है इस टीम के दुसरे तेज गेंदबाजो के लिए, इस लाइन में सबसे पहले है, तेज गेंदबाज उमेश यादव के लिए, उसके बाद अपॉर्चुनिटी है इंडियन स्पिनरज के लिए, क्योंकि अगर आप दो ओवेरसीज़ स्पिनर्स नहीं खिला पा रहे हो, आप नूर अहमद और राशिद खान को इकट्ठे नहीं खिला पाते हो, तो फिर चाहे वो साई किशोर हो या फिर जयंत यादव हो उन दोनों के लिए अपॉर्चुनिटी हो सकती है।
Strategy For Gujarat Titans – गुजरात टाइटंस के लिए रणनीति स्ट्रेटेजी क्या होगी
स्ट्रेटेजी क्या होगी इस टीम की? यह टीम अपनी पूरी बॉलिंग यूनिट को खिलाती है और बॉलिंग से विरोधी टीम को पकड़ने का प्रयास करते हैं? हालांकि यह टीम क्लोज गेम को हर तरीके से जीतती हैं। राहुल तेवटिया भी काम करते हैं, तो राहुल तेवटिया भी वहां पर होंगे। इस टीम की स्ट्रेटेजी यही रहती है कि विरोधी टीम को गेंदबाजी से पकड़ लिया जाए। अहमदाबाद में दिन के मैच मैं ज्यादा रन्स बनते है, लेकिन अगर शाम का मैच होता है तो पहली इनिंग्स में अगर आपने 160 रन्स भी बनाए, तो अंडर लाइट्स आप उस टोटल को डिफेंड कर सकते है लेकिन वह भी आईपीएल के पहले हाफ तक, आईपीएल के सेकंड हाफ में तब ड्यू ज्यादा आनी शुरू हो जाती है और थोड़ी सी दिक्कत ज्यादा होती है। इस बार फिर हम उम्मीद करूंगें कि एक बार फिर टीम का बहुत अच्छा माहौल होगा, उसमें आशीष नेहरा का बहुत बड़ा हाथ होगा, शुभमन गिल द न्यू कैप्टन, क्योंकि हो सकता है कि आने वाले समय में वो भारतीय टीम के कप्तान बने! इस बार भी लग रहा है, यह टीम अच्छा करेगी। इस टीम में अच्छा करने की काबिलियत है, क्योंकि यह टीम जीतना जानती है।
आज के लिए इतना ही है, आप को, अपना कीमती समय देने लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।