Preview of Mumbai Indians – मुंबई इंडियंस का का प्रीव्यू
यह पांच बार चैंपियन ऑलरेडी बन चुके हैं, वन ऑफ द मोस्ट सक्सेसफुल फ्रेंचाइजीज इन द वर्ल्ड, नाम है इसका मुंबई इंडियंस, इस बार क्या जीत जाएगी? हम आपको बताने वाले है तीन कारण, क्यों मुंबई इंडियंस इस साल ट्रॉफी उठा सकती है? इसके साथ हम आप तीन कारण बतायेंगे कि कहां पे कमियां रह सकती है?
Strength of Mumbai Indians – मुंबई इंडियंस की ताकत
इस टीम सबसे पहली की ताकत क्या है?
सबसे पहली इस टीम की ताकत क्या है? आईएल में वही टीम जीतती है जो भारतीय अच्छे कोर ग्रुप के साथ खेलती है, जिसका भारतीय कोर ग्रुप अच्छा होता है, और अच्छा परफॉर्म करता है, वही टीम ट्रॉफी उठाती है, ये हमने बार-बार लगातार होते देखा है।
जो टीम ओवरसीज प्लेयर्स पर ज्यादा डिपेंडेंट रहती है, वो असल मैं मुह की जरूर खाती है। इस टीम को जब हम देखते है, तो सबसे पहली बात तो यह है, आईपीएल कि प्लेयिंग इलेवन के अन्दर आठ भारतीय खिलाड़ी खेलने वाले है प्लेयिंग इलेवन के अंदर, आजकल 12 हो गए, 12वां जो हमारा इंपैक्ट प्लेयर होता है। सात खिलाडी तो इंडियन टीम के प्लेयर्स है, मतलब इंडिया की कैप है उनके सर पर। यह खिलाडी है रोहित शर्मा, ईशान किशन, तिलक वर्मा, सूर्य कुमार यादव, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, पियूष चावला, सिर्फ आकाश मंडवाल और निहाल वडेरा के पास इंडियन कैप नहीं है। इस टीम के बहुत ज्यादा अनुभव है आमतोर पर किसी भी आईपीएल टीम कि कमजोर कड़ी कोई इंडियन प्लेयर होता है, पर यहां कमजोर कड़ी हो नहीं सकती, क्योंकि सारे के सारे इंडियन प्लेयरस के पास बहुत ज्यादा अनुभव है। यह एक प्रमुख कारण है, कि मुंबई इंडियनस की टीम इस बार ट्रॉफी उठा सकती है।
दूसरी ताकत क्या है, मुंबई इन्डियनस की?
दूसरा कारण क्या है? जो यह टीम टीम ट्रॉफी उठा सकती है, वो ये कि देखिए ईशान किशन के मन मैं आग लगी होगी कि वो कहीं कोई क्रिकेट नहीं खेल रहे, अब यहां पे ही तो क्रिकेट खेलनी है, और यहीं से तो आगे का रास्ता खुलेगा, तो जब पेट में भूख होती है ना, उससे बड़ी कोई चीज नहीं होती, जज्बा और पैशन आप के अन्दर अग्रेशन ले कर आता है, इस मामले मैं ईशान किशन नंबर एक है।
रोहित शर्मा अभी तक कप्तान रहे, जिनसे आप उम्मीद करते हैं कि जब वह खेलेगा, तो भाई 500 रन्स बनाने का सीजन तो हमेशा करेगा, पर इनका एक ही सीजन आया है 500 रन्स का वह भी पूरी आईपीएल हिस्ट्री मैं, हो सकता है इस सीजन मैं वो 500 रन्स बना दे, क्योंकि इस साल उन्हें कप्तानी उनको हटा दिया गया है, तो हो सकता है इस साल रोहित शर्मा, एक बल्लेबाज के रूप मैं सफल हो? सूर्य कुमार यादव ने बाकी बहुत समय से क्रिकेट नहीं खेली है, उनके अन्दर भी रन बनाने बहुत भूख होगी, जसप्रीत बुमराह को भी आईपीएल खेले हुए काफी समय हो गया है, वो बहुत मिस कर रहे होंगे, हम ने भी इनको हम सबने भी बहुत मिस किया है।
बई इंडियनस के जो चार ओवरसीज गेंदबाज होने वाले हैं, आप गेंदबाज खिला लो या कोई एक बैटर खिला लो, तो इनका जो कॉमिबीनेशन है वह आउटस्टैंडिंग है।
तीसरी ताकत क्या है, मुंबई इन्डियनस की?
तीसरा कारण क्या है? वो यह है कि यह टीम जीतना जानती है, अभी पिछले दो साल अच्छे नहीं रहे हैं, पर जब आप इनको ऐसी जगहों पर आके खड़ा करेंगे ना, जहां से गेम को क्लोज करना है, तो वो काम ये कर सकते हैं। इस टीम के डीएनए में अब ये सब शामिल हो गया है, जैसे चेन्नई के होता है, ऑस्ट्रेलिया के होता है, वैसे मुंबई इंडियंस के भी है। जब कोई मेक और ब्रेक को स्थिति होती है, तो बहुत सी टीम्स जो वहां ब्रेक होती है, ये टीम जो वहां से मेक होकर निकलती है, क्योंकि यह टीम जीतना जानती है, जो इनका नया कप्तान है वो पिछले 2 साल में एक साल ट्रॉफी उठा के, एक साल टीम को फाइनल तक ले जाकर गया है। हमें लगता है हार्दिक पंड्या द ऑलराउंडर, भारत के अंदर एक ही पेस बॉलिंग ऑलराउंडर है, जिन्हें आप जेनुइन ऑलराउंडर आप कह सकते हैं, वह भी इस टीम कि ताकत है।मुंबई इंडियनस के जीतने के तीन कारण दिए है, कि वह कैसे जीत सकती है।
Weakness of Mumbai Indians – मुंबई इंडियंस की कमजोरी
पहली कमजोरी क्या हो सकती है?
मुंबई इंडियनस क्यों नहीं जीतेगी? मतलब क्या चीजें हो सकती हैं, जो खराब हो सकती हैं, जिसमें सबसे पहला कारण तो यही होगा कि, अब हार्दिक पंड्या को कप्तान बनाया है, आपने कप्तान तो बना दिया है, और उसके आप अंडरस्टैंड भी करते हैं।
अब उनको क्यों बनाया गया है? क्योंकि आप भविष्य की तरफ देख रहे है, आप को एक कमाल का एसेट मिल गया है, द ओनली पेस बॉलिंग “इंडियन ऑलराउंडर” आपके पास आ गया है, तो उस दृष्टिकोण से देखे तो बहुत बढ़िया खिलाडी को अर्जित कर लिया है, पर उनको अपने साथी प्लेयर्स से सम्मान अर्जित करना पड़ेगा, पर कई बार आईएल में बहुत मुश्किल काम हो जाता है, क्योंकि यह एक दो महीने का छोटा सा टूर्नामेंट होता है और जब रोहित के लिए टीम खेल रही थी, तो ऐसा लगता है रोहित के लिए टीम खेलती है।
क्या यही पूरी टीम उसी इंटेंसिटी और उसी कमिटमेंट के साथ क्या हार्दिक पंड्या के लिए खेलेगी? मुंबई इंडियंस के लिए सब खेलेंगे, बहुत कमाल की फ्रेंचाइजर है मुंबई इंडियनस, पर नए कप्तान को वो कॉन्फिडेंस बिल्ड करना पड़ता है, यू डोंट डिमांड रिस्पेक्ट, यू कमांड रिस्पेक्ट, तो इनको रिस्पेक्ट कमांड करनी पड़ेगी, एज अ कैप्टन। खिलाडी के तौर पर शानदार है, पर एक नए कप्तान के रूप मैं अगर शुरुआत में वो पांचों उंगलियां मिला के मुट्ठी ना बनाई, तो फिर वो एक गड़बड़ हो सकती है, यह संभावना बनी हुई है।
दूसरी कमजोरी क्या हो सकती है?
दूसरा रीजन क्या हो सकता है? दूसरा जो ट्रॉफी ना उठाने का हो सकता है वो है “स्पिन ऑप्शंस” मतलब, उस क्वालिटी के स्पिन में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। पीयूष चावला है, उनका पिछला सीजन बहुत कमाल का रहा था, वह एक मात्र स्पिनर के रूप में खेल रहे थे, इस बार उम्मीद थी कि शायद हस्रंगा आए हैं, और उनको यह ले जाएंगे, पर नहीं लिया, उन्होंने लिया मोहम्मद नाबी को, मोहम्मद नाबी एक ऑफ स्पिनर है, वानखेड़े का मैदान बहुत छोटा मैदान है, पियूष चावला अब ना तो युवा है और ना सी सारा साल क्रिकेट खेल के नहीं आते हैं, पीयूष चावला पिछले साल बहुत आउटस्टैंडिंग थे, इस साल भी वैसे रहे तो बहुत ही बढ़िया है पर स्पिन का बैकअप उतना अच्छा नहीं है, क्योंकि जब आप सेकंड हाफ ऑफ द सीजन में जाते है, जहां पिच थोड़ी सी ज्यादा सूखी होने लग जाए, तो वहां बॉल थोड़ा ज्यादा टर्न होने लग जाए, तो वहां पे लैक ऑफ स्पिन ऑप्शन, एक समस्या हो सकती है। पिछले साल भी यही समस्या इस टीम को तंग कर रही थी, हो सकता है इस साल भी इस टीम की फिर से यही प्रॉब्लम बन जाए, यह एक पॉसिबिलिटी है।
तीसरी कमजोरी क्या हो सकती है?
तीसरा रीजन कि क्यों मुंबई इंडियंस इस बार ट्रॉफी नहीं उठा पाएगी? इंजरी से काफी लोग वापस आ रहे हैं? इंजरी से जूझ के, या कहे बड़े-बड़े ले ऑफ से वापस आ रहे हैं? जिस बात को हम भूख कह रहे है, वो सिक्के के दो पहलू है, एक तरफ पैशन है, अग्रेशन है, वो भूख है, लेकिन दूसरी तरफ “लैक ऑफ मैच फिटनेस” एंड “लैक ऑफ मैच प्रैक्टिस” है। ईशान किशन हालांकि फिजिकली फिट थे, पर खेले नहीं है। सूर्य कुमार यादव फिट नहीं थे, इसलिए नहीं खेले हैं। तिलक वर्मा के स्टॉक्स नीचे की तरफ गिरे है, अगर आप पिछले मैच पिछले साल से अभी तक देखें, ऐसा लग रहा था इंडियन टीम में थे, वो वहां पे भी रहे थोड़ी देर के लिए, उसके बाद एकदम से नीचे की तरफ गए हैं, तो तिलक वर्मा का फॉर्म थोड़ा सा डगमगा जाना, उसके बाद सूर्य कुमार यादव का इंजरी से वापिस आना, ईशान किशन का इतने लंबे समय से क्रिकेट ना खेलना, बैटिंग ऑर्डर को किस तरीके से संचालन कर पाएंगे उसका वो एक बड़ा सवाल रहेगा, क्योंकि हार्दिक को बेटिंग आर्डर मैं उपर खेलना पसंद है, लेकिन अगर वो खुद चार पे जाएंगे, तो सूर्य कहां आएंगे? सूर्य आएंगे तो तिलक वर्मा क्या फिनिशर का रोल अदा करते हुए नजर आएंगे? मतलब टिम डेविड को क्या आप सिर्फ 15 बॉल के खिलाएंगे? यह कुछ सवाल है? इस के साथ “द लैक ऑफ मैच फिटनेस” भी एक सवाल है?
कई बार ये होता है कि आप सीजन मैं शुरू में दो-तीन मैच हार जाते है, हालांकि मुंबई तो वहां से जीतना जानती है, पर अगर प्लेयर्स के पास वो वाली फॉर्म वापिस नहीं आती, तो उस वजह से वो थोड़ा प्रदर्शन फीका रहता है, तब क्या होगा इस टीम के साथ? क्योंकि जो करंट फॉर्म है, इस टीम की ये एक समस्या हो सकती है?
तीन रीजंस क्यों जीतेंगे? तीन रीजंस क्यों नहीं जीतेंगे? आपके सामने केस रख दिया है, आप किस केस की तरफ आप ज्यादा झुके हुए हैं? जीत सकती है या नहीं जीत सकती है? जीतेगी तो उन तीन में से कौन सा रीजन बेटर लगा? हारेगी तो उनमें से कौन सा आपका रीजन आपको बेटर लगा?
आज के लिए इतना ही है, आप को, अपना कीमती समय देने लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।